- विनोद मिश्रा
बांदा। सत्ता की गलियों में आमतौर पर ‘प्रोटोकॉल’ की दीवारें ऊँची होती हैं, लेकिन जब कोई जनप्रतिनिधि उन दीवारों को तोड़कर जनधन की रक्षा के लिए सड़क पर उतरता है, तो वह नेता नहीं, ‘जननायक’ कहलाता है। जब जनप्रतिनिधि जनधन के लुटेरों पर बरसे, जब वर्दियों की वसूली पर ‘चौपाल का चौकीदार’ गरजा और जब सिस्टम की ‘सड़ांध’ के बीच से आवाज आई “शासन की गाइडलाइन नहीं मानी तो कुर्सी जाएगी”, तो वह कोई आम दृश्य नहीं था यह था बांदा सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी का प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर सीधा प्रहार !
रविवार की रात, गिरवा क्षेत्र और पैगंबरपुर के बीच चल रही अवैध ओवरलोड ट्रकों से वसूली की सूचना पर जैसे ही विधायक का काफिला गुज़रा, वहां का नज़ारा देखकर जनप्रतिनिधि नहीं बल्कि जननायक का रूप सामने आया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कुछ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ट्रकों से उगाही में जुटे थे ! सूत्रों ने दावा किया कि कुछ अधिकारी उस वक्त नशे की हालत में भी थे ! विधायक ने जब वहां रुककर सवाल पूछे, तो अफसरों का व्यवहार बदतमीज़ी और प्रोटोकॉल से बाहर हो गया।
विधायक ने मौके पर मौजूद अफसरों को सख्त लहज़े में चेतावनी दी “यह न तो निजी जागीर है, न अवैध कमाई का अड्डा ! अगर दोबारा ऐसी हरकतें हुईं तो सस्पेंशन नहीं, चार्जशीट सीधे जाएगी !” उन्होंने अफसरों को स्पष्ट संदेश दिया कि शासन की गाइडलाइन का पालन हर हाल में हो जनधन की लूट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बताया जाता है कि फंसते देख कुछ अफसरों ने विधायक पर ही अनर्गल आरोप लगाने की कोशिश की, ताकि मामला पलटा जा सके !
लेकिन विधायक प्रकाश द्विवेदी ने एक झटके में ‘चक्रव्यूह’ को तोड़ते हुए जनता के सामने सच्चाई रख दी। उनकी सख़्त बातों से मौके पर मौजूद अधिकारी लज्जित और बगलें झांकते नजर आए। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि “आज पहली बार देखा कि कोई नेता नशे में चूर अफसरों के सामने खड़ा रहा और उन्हें लताड़ लगाई ! सोशल मीडिया पर यह यह पोस्टें “जनसेवक बनाम सिस्टम की सड़ांध” के रूप में वायरल हो रही है। ओवरलोड ट्रकों से वसूली आम बात मानी जाती है ! इस खेल में सड़कें टूटती हैं, खनन नियमों की धज्जियाँ उड़ती हैं। राजस्व को चूना लगता है। विधायक प्रकाश द्विवेदी की यह कार्रवाई उसी ‘घोटाले के गढ़’ में एक पहला सीधा हस्तक्षेप मानी जा रही है !